टाइम्सजॉब्स डॉट कॉम की एक स्टडी से पता चला है कि किसी एक वैकेंसी के लिए एम्प्लॉयर के पास तकरीबन 200 रेज्युमे आते हैं और किसी एक रेज्युमे पर शुरुआती नजर डालने के लिए रिक्रूटर के पास महज 10-30 सेकंड होते हैं। यानी, रिक्रूटर को इंप्रेस करने के लिए आपके रेज्युमे के पास ज्यादा से ज्यादा सिर्फ आधा मिनट है। इस छोटे लम्हे में अपनी योग्यता साबित करने के लिए आपका रेज्युमे छोटा, आकर्षक और प्रभावशाली होना चाहिए। एक्सपर्ट्स से बात करके प्रभावशाली रेज्युमे बनाने के तरीके बता रहे हैं प्रभात गौड़ :
एक अच्छे रेज्युमे का यह गुण होता है कि वह आपकी गैरमौजूदगी में आपकी वकालत करे। आप जहां नहीं होते, वहां वह आपकी तरफ से बोलता है, आपके करियर की गति बताता है और अप्लाई की गई जॉब के लिए आपको सबसे काबिल उम्मीदवार के तौर पर पेश करता है। जिन बातों से एक रेज्युमे प्रभावशाली बनता है, उन्हें जान लेना चाहिए।
नाम और कॉन्टैक्ट डिटेल्स
रेज्युमे बनाते वक्त लेफ्ट साइड में सबसे ऊपर नाम लिखना चाहिए और उसके ठीक नीचे अपनी ईमेल आईडी और उसके नीचे फोन नंबर। हो सके तो अपना कोई दूसरा फोन नंबर भी लिख दें, क्योंकि कई बार फोन पर ही इंटरव्यू आदि की सूचना दी जाती है। दरअसल, नाम के साथ आपके कॉन्टैक्ट डिटेल्स का जाना हमेशा फायदेमंद होता है। कई लोग नाम के साथ मेल या फीमेल भी लिख देते हैं, जो बिल्कुल हास्यास्पद है, क्योंकि मोटे तौर पर नाम से ही जाहिर हो जाता है कि वह शख्स मेल है या फीमेल। ऐसा न करें।
ई-मेल आईडी बिल्कुल पर्सनल चीज है। हर शख्स आजाद है कोई भी ईमेल आईडी बनाने के लिए, लेकिन रेज्युमे में ऐसी आईडी का जिक्र न करें जो देखने में अजीब लगे। इससे एम्प्लॉयर पर खराब इंप्रेशन पड़ सकता है। मसलन अगर नितिन नाम का कोई शख्स अपने रेज्युमे मेंteesmarkhannitin@gmail.com या toosmartnitin@gmail.com जैसी कोई आईडी लिखेगा तो आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि एम्प्लॉयर पर उसका कैसा असर होगा। आईडी बिल्कुल सादा होनी चाहिए। इसमें आपका पूरा नाम आ जाए तो बहुत अच्छा। नाम न भी आए तो भी आईडी में किसी ऐसे वैसे शब्द का इस्तेमाल न हो।
कॉरेस्पॉन्डेंस अड्रेस
टॉप राइट साइड में अपना कॉरेस्पॉन्डेंस अड्रेस दे सकते हैं। परमानेंट अड्रेस भी देना चाहिए, लेकिन उसकी जगह रेज्युमे में सबसे अंत में रखें, तो बेहतर है।
ऑब्जेक्टिव
ऑब्जेक्टिव को लेकर तमाम लोग कंफ्यूज रहते हैं कि इसे लिखा जाए या नहीं। अगर लिखा जाए तो कितना बड़ा। एक्सपर्ट्स की राय है कि ऑब्जेक्टिव को छोड़ा भी जा सकता है और आप सीधे एजुकेशन पर आ सकते हैं। कुछ एम्प्लॉयर नाम पते के बाद एजुकेशन देखना चाहते हैं, लेकिन परंपरागत तरीके से अगर ऑब्जेक्टिव लिखना ही चाहते हैं तो ध्यान रहे कि यह छोटा, सादा और सीधा हो। कई लोग इसके तहत लंबी चौड़ी फिलॉसफी लिख मारते हैं और भाषा को कठिन बनाने में जान लगा देते हैं, जो गलत प्रैक्टिस है।
कई लोग 'मैं' शैली में यह भी लिखते हैं कि उन्हें क्या चाहिए और वे क्या कर सकते हैं, लेकिन ऐसी बातों से बचना चाहिए। साफ और कम शब्दों में यह बताएं कि आप कंपनी के लिए कैसे फायदेमंद हो सकते हैं। इसके लिए आप अपनी स्किल्स का हवाला दे सकते हैं। हो सके तो अपने वर्क एरिया से जुड़ी र्टम्स का इसमें इस्तेमाल करें। कुछ इस तरह आप इसे लिख सकते हैं।
Objective : To contribute strong ________ skills and experience to your organization in a _________ capacity.
एजुकेशन क्वॉलिफिकेशन
अब बात एजुकेशन क्वालिफिकेशन की। क्वॉलिफिकेशन बताते वक्त रिवर्स कोनोलॉजी का इस्तेमाल करना है। लेटेस्ट क्वॉलिफिकेशन सबसे पहले लिखें और फिर नीचे की तरफ बढ़ते जाएं। क्वॉलिफिकेशन लिखने का क्रम यह हो सकता है : डिग्री, यूनिवर्सिटी, शहर/राज्य, ईयर और सीजीपीए। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि अगर आपने पोस्ट ग्रैजुएशन किया है तो जाहिर है इंटर और हाई स्कूल तो किया ही होगा। इसलिए छोटी डिग्रियों के बारे में लिखकर जगह वेस्ट न करें। इसका खराब इंप्रेशन भी जा सकता है। प्रफेशनल क्वॉलिफिकेशन के अलावा पीजी और ग्रैजुएशन के बारे में बताना पर्याप्त है। इसे दिखाने के लिए हो सके तो टेबल बना सकते हैं, नहीं तो सिर्फ बुलेट के साथ भी ये सूचनाएं दी जा सकती हैं।
वर्तमान पद और एक्पीरियंस
टाइम्सजॉब्स डॉट कॉम से मिली जानकारी के मुताबिक, इसके बाद अपना वर्तमान पद और अनुभव के बारे में बताएं। कुल अनुभव सालों में बता सकते हैं। अनुभव बताते समय लोग जब से नौकरी शुरू की है, तब से लेकर अब तक की रामकहानी लिख मारते हैं। हो सकता है, वे सभी पोस्ट और काम आपके लिए महत्वपूर्ण रहे हों, लेकिन आपके नए एम्प्लॉयर को इस सबसे कोई खास मतलब नहीं है। वह सबसे पहले आपके वर्तमान पद की डिटेल्स जानना चाहता है। वह जानना चाहता है कि आपने पिछले ऑगेर्नाइजेशन में किस पद पर, कितने दिन और किस रोल में काम किया है। इसलिए अनुभव के बारे में बताते हुए रिवर्स क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर का यूज करें।
जिस कंपनी में अभी काम कर रहे हैं, वह सबसे ऊपर, उसके बाद उससे पहले के अनुभवों का जिक्र करें। अगर किसी को 15 साल का अनुभव है तो हर रोल और हर कंपनी का जिक्र करना जरूरी नहीं है। अभी क्या कर रहे हैं और इसके अलावा निभाये गए कुछ महत्वपूर्ण रोल और प्रॉजेक्ट्स का जिक्र कर सकते हैं। अपना अनुभव बताने का सही क्रम यह हो सकता है : एम्प्लॉयर का नाम, टाइटल/पोजिशन, शहर/राज्य का नाम, कब से कब तक काम किया। अगर कभी आपको नौकरी से निकाला गया है तो अनुभव बताते हुए उस टाइम पीरियड को छोड़ भी सकते है, लेकिन अगर यह समय ज्यादा है तो उसे दिखाया जाना चाहिए। इस समय के बारे में आप बता सकते हैं कि उस दौरान आपने एंटरपिन्योरशिप की।
स्किल्स और हॉबीज
स्किल्स की जहां तक बात है, तो बच्चों जैसी बातें लिखने से बचा जाना चाहिए। मसलन स्किल्स में अगर कोई यह लिखे कि उसे एमएस वर्ड या टाइपिंग आती या उसे कंप्यूटर की नॉलेज है, तो उसका एम्प्लॉयर पर कोई पॉजिटिव असर नहीं होगा, हां उसे हंसी जरूर आ सकती है। आई गिव 100 परसेंट, आई लाइक टु वर्क इन कॉम्पिटिटिव एन्वायरनमेंट और गुड कम्युनिकेशन स्क्ल्सि जैसे जुमलों का इस्तेमाल करना अव्वल दर्जे की बेवकूफी है। ये रटे-रटाए जुमले हैं। इन्हें लिखने से बचा जाना चाहिए।
एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटीज, अचीवमेंट, हॉबी आदि का जिक्र कर सकते हैं, लेकिन पूरी सावधानी से। मसलन गाने का शौक है, कविताएं लिखना अच्छा लगता है या कुकिंग आती है जैसी हॉबीज का कोई मतलब नहीं है। अगर आप म्यूजिक इंडस्ट्री में अप्लाई कर रहे हैं तो गाने का शौक मायने रखता है लेकिन अगर आप मार्केटिंग जॉब के लिए जा रहे हैं तो एम्प्लॉयर को आपके सुरों से भला क्या लेना देना! उसे तो कोई ऐसी हॉबी बताइए जिससे आपके एक्स्ट्रोवर्ट होने का सबूत मिलता हो।
पर्सनल सूचनाएं
रेज्युमे के सबसे अंत में आप अपने पिता का नाम, डेट ऑफ बर्थ, मैरिटल स्टेटस और अगर देना चाहें तो परमानेंट अड्रेस भी दे सकते हैं। डेट ऑफ बर्थ बताते वक्त साथ में यह भी लिख दें कि वर्तमान में आप कितने साल के हैं। सिर्फ बर्थ ईयर से आपकी उम्र पता करने में कैलकुलेशन करनी होगी, जिसके लिए एम्प्लॉयर के पास वक्त नहीं होता। इसी तरह मैरिटल स्टेटस की जानकारी भी देनी चाहिए।
10 का दम
1. फॉन्ट और फॉन्ट साइज
फॉन्ट साइज और फॉन्ट के टाइप को लेकर कई बार कंफ्यूजन हो सकता है। इसके लिए याद रखें कि पूरे रेज्युमे में ज्यादा से ज्यादा दो फॉन्ट का ही प्रयोग करना चाहिए। इंग्लिश के एरियल और टाइम्स रोमन फॉन्ट को यूज कर सकते हैं। ये पढ़ने में आसान और साफ होते हैं। फॉन्ट साइज इतना हो कि आसानी से पढ़ने में आ जाए। इसे 11 रख सकते हैं।
2. बोल्ड, अंडरलाइन, इटैलिक
शब्दों को बोल्ड, अंडरलाइन या इटैलिक जरूरत से ज्यादा न करें। वाइट स्पेस भरपूर हो। वाक्यों और सबहेड्स के बीच गैप भी ठीकठाक हो, जिससे पढ़ने में आसानी हो। बहुत ज्यादा गछे हुए रेज्युमे को कोई पढ़ना नहीं चाहता। याद रखिए रेज्युमे पर एम्प्लॉयर सिर्फ 20 सेकंड के लिए पहली नजर डालते हैं। इस दौरान अगर उन्हें पढ़ने में दिक्कत हुई या बोल्ड, इटैलिक के चक्कर में नजर नहीं जमीं, तो उन्हें आगे बढ़ते देर नहीं लगती।
3. रेज्युमे का साइज
एक बड़ा सवाल यह होता है कि रेज्यूमे का साइज कितना होना चाहिए? देखा जाए तो यह आपकी इंडस्ट्री और अनुभव पर निर्भर करता है। फिर भी मोटे तौर पर माना जाता है कि अगर आपका अनुभव पांच साल से कम है तो एक पेज का और अनुभव पांच साल से ज्यादा होने पर दो पेज का रेज्यूमे बनाया जा सकता है। इससे बड़ा रेज्युमे बनाने से बचना चाहिए। ध्यान रखें रेज्युमे आपका शोकेस है, जो आपके बारे में एम्प्लॉयर को बेसिक सूचनाएं देता है। आपके बारे में गहराई से जानने के लिए एम्प्लॉयर आपको इंटरव्यू के लिए बुलाएगा।
4. भाषा सीधी सपाट
पूरे रेज्युमे की भाषा सीधी-सपाट रखें। अब इन जनाब को देखिए, इन्होंने रेज्युमे में अपनी इंग्लिश भाषा का पूरा ज्ञान बघार दिया है - “Sir, I would hereby draw your esteemed attention to the way my talents are in tandem with your company’s long-term goals . याद रखें इतने घूमे हुए वाक्य हो सकता है कि साहित्य में अच्छे लगें, लेकिन आपके एम्प्लॉयर को पसंद नहीं आएंगे। अपनी बात सीधे शब्दों में कहें।
5. ज्यादा 'मैं मैं' नहीं
रेज्युमे में आई, माई, मी जैसे शब्दों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल न करें।
मसलन, I overshot my target by 20 percent and I was given a special increment by the company. .
की बजाय ऐसे लिख सकते हैं Overshot the target by 20 percent and was given a special increment by the company. जो भी वाक्य लिखना है, प्रोनाउन ( I ) की बजाय वर्ब ( did, achieved ) से लिखना शुरू करें।
6. रेफरेंस सिर्फ पूछने पर
रेज्युमे में रेफरेंस का जिक्र न करें, लेकिन ऐसे दो लोगों को तैयार जरूर रखें, जो उस कंपनी में काम करते हों और आपको अच्छी तरह जानते हों। जब जरूरत हो या आपसे पूछा जाए, तो इन लोगों के बारे में बताएं। अगर रेज्युमे में लिखना ही चाहते हैं, तो दोनों नाम ऐसे हों, जो आपको अच्छी तरह से जानते हों। हल्की-फुल्की जान-पहचान वालों के नाम इसमें न दें। साथ में फोन नंबर दे देना भी अच्छा होता है।
7. स्पेलिंग्स और पंक्चुएशन
स्पेलिंग संबंधी गलतियों से बचा जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए ऐसे शब्द न लिखें, जिनसे आप परिचित नहीं है। रेज्युमे बनाते वक्त डिक्शनरी देखते चलें। स्पेल चेक का प्रयोग भी कर सकते है। आजकल की एसएमएस की भाषा में हर शब्द का शॉर्ट फॉर्म चलन में है। ऐसे किसी भी प्रयोग से पूरी तरह बचें। शब्दों की स्पेलिंग पूरी लिखें।
इडियम्स, फ्रेज, मुहावरे, स्लैंग, जारगन आदि के प्रयोग से भी पूरी तरह बचना है। रेज्युमे फाइनल बना लेने के बाद दो दोस्तों से उसकी प्रूफ रीडिंग जरूर करा लें। पंक्चुएशन का खास ध्यान रखें। हर सेन्टेंस के अंत में एक बार स्पेस दें। नया सेन्टेंस कैपिटल लेटर से शुरू करें। रेज्युमे में साइन ऑफ एक्सक्लेमेशन लगाने से बचें।
8. ग्रामर की गलतियां नहीं
ग्रामर के मामले में बहुत सावधान रहने की जरूरत है। जो आप आज कर रहे हैं, वह काम प्रजेंट टेंस में लिखें। मसलन do marketting जो काम पहले कर चुके हैं, उन्हें पास्ट टेंस में लिखें। मसलन did marketting सभी प्रॉपर नाउन (किसी शख्स या शहर का नाम) को कैपिटल में लिखें। नंबर लिखते वक्त नौ तक के सभी नंबर शब्दों में लिखें और 10 से आगे के नंबरों को अंकों में लिखें। तारीख का जिक्र करते हुए एक ही फॉरमैट का इस्तेमाल करें।
अगर 2 नवंबर, 2009 स्टाइल में डेट लिख रहे हैं तो पूरे रेज्युमे में हर जगह इसी स्टाइल में लिखें। इसके अलावा, झूठ का सहारा न लें। जो भी सूचनाएं देनी हैं, सच-सच बताएं। हो सकता है आपको ऐसा लगे कि गलत सूचनाएं पकड़ में नहीं आएंगी और बात चल जाएगी, लेकिन कई बार एम्प्लॉयर चीजों को वेरिफाई भी कर लेते हैं। इसलिए ऐसी प्रैक्टिस से बचें।
9. नो फोटो, नो पैकेज
रेज्युमे में फोटो का यूज नहीं करना चाहिए क्योंकि जिस स्टाइल में और जिस साइज में आप फोटो पेश करेंगे, वह न तो क्वालिटी में अच्छा आएगा और न देखने में। जाहिर है इसका एम्प्लॉयर पर अच्छा इंप्रेशन नहीं पड़ेगा। वर्तमान सैलरी पैकेज के बारे में रेज्युमे में न बताएं। इस बारे में डिस्कशन इंटरव्यू के दौरान हो जाएगा।
10. प्रिंट की बात
रेज्युमे का प्रिंट हमेशा ए-4 साइज के वाइट पेपर पर ही लें। पेपर के एक ही साइड में लिखें। प्रिंटआउट अगर लेसर प्रिंटर से ले लें, तो और भी अच्छा है। कहीं भी हार्ड कॉपी देनी हो, तो रेज्युमे की फोटोकॉपी देने से बचें। हर बार फ्रेश प्रिंट निकालकर ही दें। समय-समय पर अपना रेज्युमे अपडेट करते रहें।
3 Comments
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